और क्या वजह चाहिए मुझको जश्न मनाने की !!

















आब है शराब है और उम्मीद उसके आने की 
क्या और वजह चाहिए मुझको  जश्न मनाने की 

हर घड़ी वो मेरा इम्तहान लेता है 

आज बारी है मेरी  उनको आज़माने की 

ना बहाओ अश्कों को को कि ये कम पड़ जाएंगे 

ये तो बस शुरुआत है मेरे ग़म के फ़साने की  

0 comments:

Post a Comment

आपके comment के लिए धन्यवाद !
हम आशा करते हैं आप हमारे साथ बने रहेंगे !