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छोटी-छोटी छितराई यादें... बिछीं हुई हैं लम्हों की लॉन पर, नंगे पैर उनपे चलते-चलते इतनी दूर आ गये हैं, कि भूल गये हैं जूते...
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सूरज डूब गया, और उभर आया ध्रुव तारा पर आज भी नही आया पैगाम तुम्हारा रूठी है हमारी किस्मत, जो भूल गये नाम हमारा या दोस्त कोई मिल गया...
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क्या बात है जिसका गम बहुत है ? कुछ दिन से ये आँख बहुत नम है मिल लेता हूँ गुफ्तगू की हद तक इतना ही तेरा करम बहुत है घर आप ही जगमग...
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तुझको देखा फिर उसको ना देखा चाँद कहता ही रहा मैं चाँद हूँ, मैं चाँद हूँ...
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जागती रात के होठों पर फसाने जैसे एक पल में सिमट आये हों ज़माने जैसे अक्ल कहती है भुला दो जो नही मिल पाया दिल वो पाग...
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तेरे सीने से लग कर, तेरी आरजू बन जाऊँ तेरी साँसों से मिलकर, तेरी खुशबू बन जाऊं फासले ना रहे कोई हम दोनों के दरमियां मैं, मैं ना रहूँ...
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जख्म झेले दाग भी खाए बहुत दिल लगा कर हम तो पछताए बहुत देर से सु-ए-हरम आया न तू हम मिजाज अपना इधर लाये बहुत फुल गुल शाम-ओ-गमार सरे ही ...
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आब है शराब है और उम्मीद उसके आने की क्या और वजह चाहिए मुझको जश्न मनाने की हर घड़ी वो मेरा इम्तहान लेता है आज बारी ...
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बहके-बहके हुए अंदाज़-ए-बयां होते हैं आप होते हैं तो फिर होश कहाँ होते हैं होंठ पाबंद होते हैं निगाहें बयां होते हैं कोई स...
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सवेरे जब आजानों की सदायें आने लगती हैं हमारे घर में जन्नत की हवाएँ आने लगती हैं बुजुर्गों की इनायत का सहारा मिल गया मुझको जिधर से...
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- चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैं हम उसकी ...
- सभी को सबकुछ नही मिलता, नदी के हर लहर को साहि...
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- दिल किसी और ना हो पाया... आरज़ू मेरी आज भी तुम...
- हम इश्क के उस मुकाम पर खड़े हैं, जहाँ दिल किसी और ...
- ये जो नज़रों से तुम मेरे दिल को निढाल करते हो, करत...
- तुझको देखा फिर उसको ना देखा चाँद कहता ही रहा मैं...
- हैरान हूँ तुम को मस्जिद में देख के ग़ालिब ऐसा भी ...
- और क्या वजह चाहिए मुझको जश्न मनाने की !!
- यही की थी मोहब्बत के सबक की इब्तदा मैंने !!
- ये कैसी मज़बूरी है...!!
- जाने ये जिन्दगी ले जाएगी कहाँ....!!!
- कभी इंसान सही या गलत नही होता.....
- सुन लो मेरी बात कहीं से आ जाओ.....
- आरज़ू थी तेरी बाँहों में दम निकले....
- ये तूने क्या किया है !
- मगर जब याद आएंगी.....
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