हम टूट भी जाते हैं तो चर्चा नही करते !


हम टूट भी जातें हैं तो चर्चा नही करते, 
दुःख दर्द भी सहते हैं तमाशा नही करते. 

हम अपने मफ़द की तकमील की खातिर, 
हर शख्स के जज्बात से खेला नही करते. 

हमको कोई गिला है तो बस अपने दिल से है, 
औरों पे हम इलज़ाम तराशा नही करते. 

मतलब परस्ती के जो आदि नही होते, 
वो हाथ मिला के कभी छोड़ा नही करते. 

कुछ इस तरह के लोग भी मिल जाते हैं जहाँ में, 
जो दुवाएं तो बहुत करते हैं मगर निभाया नही करते.