चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैं 
हम उसकी याद से परेशान बहुत हैं 
वो हर बार दिल तोड़ता है ये कहकर दिल तोड़ देता है 
कि मेरी उम्मीदों की दुनिया में अभी मुकाम बहुत हैं 

पागल हुए जो हम तो उल्फत उसे भी थी 
चाहा जो हम ने उस को तो चाहत उसे भी थी 
उसको ना भूल पाएँगे वो जानता था 
और हर बात भूल जाने की आदत उसे भी थी 

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