अज़ब ढूंढता हू !


लिखने का अफ़साना अजब ढूंढ़ता हू 
गुनगुनाने का तराना अज़ब ढूंढ़ता हू 
देकर खुद को कोई झूठी तसल्ली 
मुस्कुराने का बहाना अज़ब ढूंढता हू 

भुलाने का फ़साना अज़ब ढूंढता हू 
यादों का नज़राना अज़ब ढूंढता हू 
अन्त का वो सिरा जहाँ छूटा था सबकुछ 
एक वो ठिकाना अज़ब ढूंढता हू 

खोया वो परवाना अज़ब ढूंढता हू 
मन वो दीवाना अज़ब ढूंढता हू 
एहसास -ए-रूह को बहला पाऊं मैं 
ऐसा वो जमाना अज़ब ढूंढता हू 

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