रंजिश ही सही दिल दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आ
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझसे खफा है तो जमाने के लिए आ !
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यूँ तो मसले औ मुद्दे बहुत हैं,
लिखने को मगर...
कमबख्त इन कागजों को तेरा ही
जिक्र अजीज है...
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इक बार उलझना है तुमसे
बहुत कुछ सुलझाने के लिए...
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