हर तरफ आप किस्सा आप जहाँ से सुनिए


चाँद से फूल से या मेरी जुबान से सुनिए
हर तरफ आप किस्सा जहां से सुनिए

सबको आता है दुनिया को सता कर जीना
ज़िन्दगी क्या मुहब्बत के दुआ से सुनिए

मेरी आवाज़ पर्दा मेरे चेहरे का
मैं हूँ खामोश जहाँ मुझको वहाँ से सुनिए

क्या जरुरी है कि हर पर्दा उठाया जाये
मेरे हालात अपने मुकाम से सुनिए
                                                                                                                                               - Nida Fazil

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