हंगामा क्यूँ है बरपा थोड़ी सी जो पी ली है..

हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है 
डाका तो नही डाला चोरी तो नही की है
ना ताजुर्बेकारी से वयेज़ की ये बातें हैं 
इस रंग को क्या जाने पूछो तो कभी पी है

उस मै से नही मतलब, दिल जिससे है बेगाना 
मकसूद है उस मै से दिल ही, में जो खिचती है


वान दिल में की सदमे दो यां जी में के सब सह लो 
उनका भी अजीब दिल है मेरा भी अजीब जी है 


हर जर्रा चमकता है अकबर ए इलाही से 
हर साँस ये कहती है हम हैं तो खुदा भी है 



सूरज में लगे धब्बे फितरत के करिश्मे हैं 
पर हम तो कहें काफ़िर अल्लाह की मर्जी है

                                     - Akbar Allahabadi

0 comments:

Post a Comment

आपके comment के लिए धन्यवाद !
हम आशा करते हैं आप हमारे साथ बने रहेंगे !